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jaap sahib in hindi

 

Jaap Sahib in Hindi




 

जापु साहिब



सतिगुर प्रसादि ॥


स्री वाहिगुरू जी की फतह ॥


॥ जापु ॥ 


स्री मुखवाक पातिसाही १० ॥


छपै छंद ॥ त्वप्रसादि ॥


चक्र चिहन अरु बरन जाति अरु पाति नहिन जिह ॥

रूप रंग अरु रेख भेख कोऊ कहि न सकति किह ॥


अचल मूरति अनभउ प्रकास अमितोज कहिजै ॥

कोटि इंद्र इंद्राण साहि साहाणि गणिजै ॥


त्रिभवण महीप सुर नर असुर नेत नेत बन त्रिण कहत ॥

त्व सरब नाम कथै कवन करम नाम बरणत सुमति ॥१॥


भुजंग प्रयात छंद ॥


नमसत्वं अकाले ॥ नमसत्वं क्रिपाले ॥

नमसतं अरूपे ॥ नमसतं अनूपे ॥२॥


नमसतं अभेखे ॥ नमसतं अलेखे ॥

नमसतं अकाए ॥ नमसतं अजाए ॥३॥


नमसतं अगंजे ॥ नमसतं अभंजे ॥

नमसतं अनामे ॥ नमसतं अठामे ॥४॥


नमसतं अकरमं ॥ नमसतं अधरमं ॥

नमसतं अनामं ॥ नमसतं अधामं ॥५॥


नमसतं अजीते ॥ नमसतं अभीते ॥

नमसतं अबाहे ॥ नमसतं अढाहे ॥६॥


नमसतं अनीले ॥ नमसतं अनादे ॥

नमसतं अछेदे ॥ नमसतं अगाधे ॥७॥


नमसतं अगंजे ॥ नमसतं अभंजे ॥

नमसतं उदारे ॥ नमसतं अपारे ॥८॥


नमसतं सु एकै ॥ नमसतं अनेकै ॥

नमसतं अभूते ॥ नमसतं अजूपे ॥९॥


नमसतं न्रिकरमे ॥ नमसतं न्रिभरमे ॥

नमसतं न्रिदेसे ॥ नमसतं न्रिभेसे ॥१०॥


नमसतं न्रिनामे ॥ नमसतं न्रिकामे ॥

नमसतं न्रिधाते ॥ नमसतं न्रिघाते ॥११॥


नमसतं न्रिधूते ॥ नमसतं अभूते ॥

नमसतं अलोके ॥ नमसतं असोके ॥१२॥


नमसतं न्रितापे ॥ नमसतं अथापे ॥

नमसतं त्रिमाने ॥ नमसतं निधाने ॥१३॥


नमसतं अगाहे ॥ नमसतं अबाहे ॥

नमसतं त्रिबरगे ॥ नमसतं असरगे ॥१४॥


नमसतं प्रभोगे ॥ नमसतं सु जोगे ॥

नमसतं अरंगे ॥ नमसतं अभंगे ॥१५॥


नमसतं अगंमे ॥ नमसतसतु रंमे ॥

नमसतं जलासरे ॥ नमसतं निरासरे ॥१६॥


नमसतं अजाते ॥ नमसतं अपाते ॥

नमसतं अमजबे ॥ नमसतसतु अजबे ॥१७॥


अदेसं अदेसे ॥ नमसतं अभेसे ॥

नमसतं न्रिधामे ॥ नमसतं न्रिबामे ॥१८॥


नमो सरब काले ॥ नमो सरब दिआले ॥

नमो सरब रूपे ॥ नमो सरब भूपे ॥१९॥


नमो सरब खापे ॥ नमो सरब थापे ॥

नमो सरब काले ॥ नमो सरब पाले ॥२०॥


नमसतसतु देवै ॥ नमसतं अभेवै ॥

नमसतं अजनमे ॥ नमसतं सुबनमे ॥२१॥ 


नमो सरब गउने ॥ नमो सरब भउने ॥

नमो सरब रंगे ॥ नमो सरब भंगे ॥२२॥


नमो काल काले ॥ नमसतसतु दिआले ॥ 

नमसतं अबरने ॥ नमसतं अमरने ॥२३॥


नमसतं जरारं ॥ नमसतं क्रितारं ॥

नमो सरब धंधे ॥ नमोसत अबंधे ॥२४॥


नमसतं न्रिसाके ॥ नमसतं न्रिबाके ॥

नमसतं रहीमे ॥ नमसतं करीमे ॥२५॥


नमसतं अनंते ॥ नमसतं महंते ॥

नमसतसतु रागे ॥ नमसतं सुहागे ॥२६॥


नमो सरब सोखं ॥ नमो सरब पोखं ॥

नमो सरब करता ॥ नमो सरब हरता ॥२७॥


नमो जोग जोगे ॥ नमो भोग भोगे ॥

नमो सरब दिआले ॥ नमो सरब पाले ॥२८॥


चाचरी छंद ॥ त्वप्रसादि ॥ 


अरूप हैं ॥ अनूप हैं ॥ 

अजू हैं ॥ अभू हैं ॥२९॥


अलेख हैं ॥ अभेख हैं ॥ 

अनाम हैं ॥ अकाम हैं ॥३०॥


अधे हैं ॥ अभे हैं ॥ 

अजीत हैं ॥ अभीत हैं ॥३१॥


त्रिमान हैं ॥ निधान हैं ॥ 

त्रिबरग हैं ॥ असरग हैं ॥३२॥


अनील हैं ॥ अनाद हैं ॥ 

अजे हैं ॥ अजाद हैं ॥३३॥


अजनम हैं ॥ अबरन हैं ॥ 

अभूत हैं ॥ अभरन हैं ॥३४॥


अगंज हैं ॥ अभंज हैं ॥ 

अझूझ हैं ॥ अझंझ हैं ॥३५॥


अमीक हैं ॥ रफीक हैं ॥ 

अधंध हैं ॥ अबंध हैं ॥३६॥


न्रिबूझ हैं ॥ असूझ हैं ॥ 

अकाल हैं ॥ अजाल हैं ॥३७॥


अलाह हैं ॥ अजाह हैं ॥ 

अनंत हैं ॥ महंत हैं ॥३८॥


अलीक हैं ॥ न्रिस्रीक हैं ॥

 न्रिलंभ हैं ॥ असंभ हैं ॥३९॥

अगंम हैं ॥ अजंम हैं ॥ 

अभूत हैं ॥ अछूत हैं ॥४०॥


अलोक हैं ॥ असोक हैं ॥

 अक्रम हैं ॥ अभ्रम हैं ॥४१॥


अजीत हैं ॥ अभीत हैं ॥ 

अबाह हैं ॥ अगाह हैं ॥४२॥


अमान हैं ॥ निधान हैं ॥ 

अनेक हैं ॥ फिरि एक हैं ॥४३॥


भुजंग प्रयात छंद ॥


नमो सरब माने ॥ समसती निधाने ॥

नमो देव देवे ॥ अभेखी अभेवे ॥४४॥


नमो काल काले ॥ नमो सरब पाले ॥

नमो सरब गउणे ॥ नमो सरब भउणे ॥४५॥


अनंगी अनाथे ॥ न्रिसंगी प्रमाथे ॥

नमो भान भाने ॥ नमो मान माने ॥४६॥


नमो चंद्र चंद्रे ॥ नमो भान भाने ॥

नमो गीत गीते ॥ नमो तान ताने ॥४७॥


नमो निरत निरते ॥ नमो नाद नादे ॥

नमो पान पाने ॥ नमो बाद बादे ॥४८॥


अनंगी अनामे ॥ समसती सरूपे ॥

प्रभंगी प्रमाथे ॥ समसती बिभूते ॥४९॥


कलंकं बिना ने कलंकी सरूपे ॥

नमो राज राजेस्वरं परम रूपे ॥५०॥


नमो जोग जोगेस्वरं परम सिधे ॥

नमो राज राजेस्वरं परम ब्रिधे ॥५१॥ 


नमो ससत्र पाणे ॥ नमो असत्र माणे ॥

नमो परम गिआता ॥ नमो लोक माता ॥५२॥


अभेखी अभरमी अभोगी अभुगते ॥

नमो जोग जोगेस्वरं परम जुगते ॥५३॥ 


नमो नित नाराइणे क्रूर करमे ॥

नमो प्रेत अप्रेत देवे सुधरमे ॥५४॥


नमो रोग हरता नमो राग रूपे ॥

नमो साह साहं नमो भूप भूपे ॥५५॥


नमो दान दाने नमो मान माने ॥ 

नमो रोग रोगे नमसतं इसनानं ॥५६॥


नमो मंत्र मंत्रं नमो जंत्र जंत्रं ॥

नमो इसट इसटे नमो तंत्र तंत्रं ॥५७॥


सदा सचदानंद सरबं प्रणासी ॥

अनूपे अरूपे समसतुलि निवासी ॥५८॥


सदा सिधदा बुधदा ब्रिध करता ॥

अधो उरध अरधं अघं ओघ हरता ॥५९॥


परम परम परमेस्वरं प्रोछ पालं॥

सदा सरबदा सिधि दाता दिआलं ॥६०॥


अछेदी अभेदी अनामं अकामं ॥

समसतो पराजी समसतसतु धामं ॥६१॥


तेरा जोरु ॥ चाचरी छंद ॥


जले हैं ॥ थले हैं ॥ 

अभीत हैं ॥ अभे हैं ॥ ॥६२॥


प्रभू हैं ॥ अजू हैं ॥ 

अदेस हैं ॥ अभेस हैं ॥६३॥


भुजंग प्रयात छंद ॥


अगाधे अबाधे ॥ अनंदी सरूपे ॥

नमो सरब माने ॥ समसती निधाने ॥६४॥


नमसत्वं न्रिनाथे ॥ नमसत्वं प्रमाथे ॥

नमसत्वं अगंजे ॥ नमसत्वं अभंजे ॥६५॥


नमसत्वं अकाले ॥ नमसत्वं अपाले ॥

नमो सरब देसे ॥ नमो सरब भेसे ॥६६॥


नमो राज राजे ॥ नमो साज साजे ॥

नमो साह साहे॥ नमो माह माहे ॥६७॥


नमो गीत गीते ॥ नमो प्रीत प्रीते ॥

नमो रोख रोखे ॥ नमो सोख सोखे ॥६८॥


नमो सरब रोगे ॥ नमो सरब भोगे ॥

नमो सरब जीतं ॥ नमो सरब भीतं ॥६९॥


नमो सरब गिआनं ॥ नमो परम तानं ॥

नमो सरब मंत्रं ॥ नमो सरब जंत्रं ॥७०॥


नमो सरब द्रिसं ॥ नमो सरब क्रिसं ॥

नमो सरब रंगे ॥ त्रिभंगी अनंगे ॥७१॥


नमो जीव जीवं ॥ नमो बीज बीजे ॥

अखिजे अभिजे ॥ समसतं प्रसिजे ॥७२॥


क्रिपालं सरूपे ॥ कुकरमं प्रणासी ॥

सदा सरबदा रिधि सिधं निवासी ॥७३॥


चरपट छंद ॥ त्वप्रसादि ॥


अंम्रित करमे ॥ अंब्रित धरमे ॥

अखल जोगे ॥ अचल भोगे ॥७४॥


अचल राजे ॥ अटल साजे ॥

अखल धरमं ॥ अलख करमं ॥७५॥


सरबं दाता ॥ सरबं गिआता ॥

सरबं भाने ॥ सरबं माने ॥७६॥


सरबं प्राणं ॥ सरबं त्राणं ॥

सरबं भुगता ॥ सरबं जुगता ॥७७॥


सरबं देवं ॥ सरबं भेवं ॥

सरबं काले ॥ सरबं पाले ॥७८॥


रूआल छंद ॥ त्वप्रसादि ॥


आदि रूप अनादि मूरति अजोन पुरखु अपार ॥

सरब मान त्रिमान देव अभेव आदि उदार ॥


सरब पालक सरब घालक सरब को पुनि काल ॥

जत्र तत्र बिराजही अवधूत रूप रिसाल ॥७९॥


नाम ठाम न जाति जाकर रूप रंग न रेख ॥

आदि पुरख उदार मूरति अजोनि आदि असेख ॥


देस और न भेस जाकर रूप रेख न राग ॥

जत्र तत्र दिसा विसा हुइ फैलिओ अनुरागु ॥८०॥


नाम काम बिहीन पेखत धाम हूं नहि जाहि ॥

सरब मान सरबत्र मान सदैव मानत ताहि ॥


एक मूरति अनेक दरसन कीन रूप अनेक ॥

खेल खेलि अखेल खेलन अंत को फिरि एक ॥८१॥


देव भेव न जानही जिह बेद अउर कतेब ॥

रूप रंग न जाति पाति सु जानई किह जेब ॥


तात मात न जात जाकरि जनम मरन बिहीन ॥

चक्र बक्र फिरै चत्र चक मानही पुर तीन ॥८२॥


लोक चउदह के बिखै जग जापही जिह जाप ॥ 

आदि देव अनादि मूरति थापिओ सबै जिह थाप ॥


परम रूप पुनीत मूरति पूरन पुरखु अपार ॥ 

सरब बिस्व रचिओ सुय्मभव गड़न भंजनहार ॥८३॥


काल हीन कला संजुगति अकाल पुरखु अदेस ॥

धरम धाम सु भरम रहत अभूत अलख अभेस ॥


अंग राग न रंग जा कहि जाति पाति न नाम ॥ 

गरब गंजन दुसट भंजन मुकति दाइक काम ॥८४॥


आप रूप अमीक अन उसतति एक पुरखु अवधूत ॥

गरब गंजन सरब भंजन आदि रूप असूत ॥


अंग हीन अभंग अनातम एक पुरखु अपार ॥

सरब लाइक सरब घाइक सरब को प्रितिपार ॥८५॥


सरब गंता सरब हंता सरब ते अनभेख ॥

सरब सासत्र न जानही जिह रूप रंगु अरु रेख ॥


परम बेद पुरान जाकहि नेत भाखत नित ॥

कोटि सिंम्रित पुरान सासत्र न आवई वहु चिति ॥८६॥


मधुभार छंद ॥ त्वप्रसादि ॥


गुन गन उदार ॥ महिमा अपार ॥

आसन अभंग ॥ उपमा अनंग ॥८७॥


अनभउ प्रकास ॥ निसदिन अनास ॥

आजानु बाहु ॥ साहान साहु ॥८८॥


राजान राज ॥ भानान भान ॥

देवान देव ॥ उपमा महान ॥८९॥


इंद्रान इंद्र ॥ बालान बाल ॥

रंकान रंक ॥ कालान काल ॥९०॥


अनभूत अंग ॥ आभा अभंग ॥

गति मिति अपार ॥ गुन गन उदार ॥९१॥


मुनि गनि प्रनाम ॥ निरभै निकाम ॥

अति दुति प्रचंड ॥ मिति गति अखंड ॥९२॥


आलिस्य करम ॥ आद्रिस्य धरम ॥

सरबा भरणाढय ॥ अनडंड बाढय ॥९३॥


चाचरी छंद ॥ त्वप्रसादि ॥


गोबिंदे॥ मुकंदे ॥ 

उदारे ॥ अपारे ॥९४॥


हरीअं ॥ करीअं ॥ 

न्रिनामे ॥ अकामे ॥९५॥


भुजंग प्रयात छंद ॥


चत्र चक्र करता ॥ चत्र चक्र हरता ॥ 

चत्र चक्र दाने ॥ चत्र चक्र जाने ॥९६॥


चत्र चक्र वरती ॥ चत्र चक्र भरती ॥ 

चत्र चक्र पाले ॥ चत्र चक्र काले ॥९७॥


चत्र चक्र पासे ॥ चत्र चक्र वासे ॥ 

चत्र चक्र मानयै ॥ चत्र चक्र दानयै ॥९८॥


चाचरी छंद ॥


न सत्रै ॥ न मित्रै ॥ 

न भरमं ॥ न भित्रै ॥९९॥


न करमं ॥ न काए ॥ 

अजनमं ॥ अजाए ॥१००॥


न चित्रै ॥ न मित्रै ॥ 

परे हैं ॥ पवित्रै ॥१०१॥


प्रिथीसै ॥ अदीसै ॥ 

अद्रिसै ॥ अक्रिसै ॥१०२॥


भगवती छंद ॥ त्वप्रसादि कथते ॥


कि आछिज देसै ॥ कि आभिज भेसै ॥

कि आगंज करमै ॥ कि आभंज भरमै ॥१०३॥


कि आभिज लोकै ॥ कि आदित सोकै ॥

कि अवधूत बरनै ॥ कि बिभूत करनै ॥१०४॥


कि राजं प्रभा हैं ॥ कि धरमं धुजा हैं॥

कि आसोक बरनै ॥ कि सरबा अभरनै ॥१०५॥


कि जगतं क्रिती हैं ॥ कि छत्रं छत्री हैं ॥

कि ब्रहमं सरूपै ॥ कि अनभउ अनूपै ॥१०६॥


कि आदि अदेव हैं ॥ कि आपि अभेव हैं ॥

कि चित्रं बिहीनै ॥ कि एकै अधीनै ॥१०७॥


कि रोजी रजाकै ॥ रहीमै रिहाकै ॥

कि पाक बिऐब हैं ॥ कि गैबुल गैब हैं ॥१०८॥


कि अफवुल गुनाह हैं ॥ कि साहान साह हैं ॥

कि कारन कुनिंद हैं ॥ कि रोजी दिहंद हैं ॥१०९॥


कि राजक रहीम हैं ॥ कि करमं करीम हैं ॥

कि सरबं कली हैं ॥ कि सरबं दली हैं ॥११०॥


कि सरबत्र मानियै ॥ कि सरबत्र दानियै ॥

कि सरबत्र गउनै ॥ कि सरबत्र भउनै ॥१११॥


कि सरबत्र देसै ॥ कि सरबत्र भेसै ॥

कि सरबत्र राजै ॥ कि सरबत्र साजै ॥११२॥


कि सरबत्र दीनै ॥ कि सरबत्र लीनै ॥

कि सरबत्र जा हो ॥ कि सरबत्र भा हो ॥११३॥


कि सरबत्र देसै ॥ कि सरबत्र भेसै ॥

कि सरबत्र कालै ॥ कि सरबत्र पालै ॥११४॥


कि सरबत्र हंता ॥ कि सरबत्र गंता ॥

कि सरबत्र भेखी ॥ कि सरबत्र पेखी ॥११५॥


कि सरबत्र काजै ॥ कि सरबत्र राजै ॥

कि सरबत्र सोखै ॥ कि सरबत्र पोखै ॥११६॥


कि सरबत्र त्राणै ॥ कि सरबत्र प्राणै ॥

कि सरबत्र देसै ॥ कि सरबत्र भेसै ॥११७॥


कि सरबत्र मानयै ॥ सदैवं प्रधानयै ॥

कि सरबत्र जापयै ॥ कि सरबत्र थापयै ॥११८॥


कि सरबत्र भानै ॥ कि सरबत्र मानै ॥

कि सरबत्र इंद्रै ॥ कि सरबत्र चंद्रै ॥११९॥


कि सरबं कलीमै ॥ कि परमं फहीमै ॥

कि आकल अलामै ॥ कि साहिब कलामै ॥१२०॥


कि हुसनुल वजू हैं ॥ तमामुल रुजू हैं ॥

हमेसुल सलामैं ॥ सलीखत मुदामैं ॥१२१॥


गनीमुल शिकसतै ॥ गरीबुल परसतै ॥

बिलंदुल मकानैं ॥ जमीनुल जमानैं ॥१२२॥


तमीज़ुल तमामैं ॥ रुजूअल निधानैं ॥

हरीफुल अजीमैं ॥ रजइक यकीनै ॥१२३॥


अनेकुल तरंग हैं ॥ अभेद हैं अभंग हैं ॥

अजीज़ुल निवाज हैं ॥ गनीमुल खिराज हैं ॥१२४॥


निरुकत सरूप हैं ॥ त्रिमुकति बिभूत हैं ॥

प्रभुगति प्रभा हैं ॥ सुजुगति सुधा हैं ॥१२५॥


सदैवं सरूप हैं ॥ अभेदी अनूप हैं ॥

समसतो पराज हैं ॥ सदा सरब साज हैं ॥१२६॥


समसतुल सलाम हैं ॥ सदैवल अकाम हैं ॥

न्रिबाध सरूप हैं ॥ अगाधि हैं अनूप हैं ॥१२७॥


ओअं आदि रूपे ॥ अनादि सरूपै ॥

अनंगी अनामे ॥ त्रिभंगी त्रिकामे ॥१२८॥


त्रिबरगं त्रिबाधे ॥ अगंजे अगाधे ॥

सुभं सरब भागे ॥ सु सरबा अनुरागे॥१२९॥


त्रिभुगत सरूप हैं ॥ अछिज हैं अछूत हैं ॥

कि नरकं प्रणास हैं ॥ प्रिथीउल प्रवास हैं ॥१३०॥


निरुकति प्रभा हैं ॥ सदैवं सदा हैं ॥

बिभुगति सरूप हैं ॥ प्रजुगति अनूप हैं ॥१३१॥


निरुकति सदा हैं ॥ बिभुगति प्रभा हैं ॥

अनउकति सरूप हैं ॥ प्रजुगति अनूप हैं ॥१३२॥


चाचरी छंद ॥


अभंग हैं ॥ अनंग हैं ॥ 

अभेख हैं ॥ अलेख हैं ॥१३३॥


अभरम हैं ॥ अकरम हैं ॥ 

अनादि हैं ॥ जुगादि हैं ॥१३४॥


अजै हैं ॥ अबै हैं ॥ 

अभूत हैं ॥ अधूत हैं ॥१३५॥


अनास हैं ॥ उदास हैं ॥ 

अधंध हैं ॥ अबंध हैं ॥१३६॥


अभगत हैं ॥ बिरकत हैं ॥

 अनास हैं ॥ प्रकास हैं ॥१३७॥


निचिंत हैं ॥ सुनिंत हैं ॥ 

अलिख हैं ॥ अदिख हैं ॥१३८॥


अलेख हैं ॥ अभेख हैं ॥ 

अढाह हैं ॥ अगाह हैं ॥१३९॥


असंभ हैं ॥ अगंभ हैं ॥ 

अनील हैं ॥ अनादि हैं ॥१४०॥


अनित हैं ॥ सु नित हैं ॥ 

अजाति हैं ॥ अजादि हैं ॥१४१॥


चरपट छंद ॥ त्वप्रसादि ॥


सरबं हंता ॥ सरबं गंता ॥

सरबं खिआता ॥ सरबं गिआता ॥१४२॥


सरबं हरता ॥ सरबं करता ॥

सरबं प्राणं ॥ सरबं त्राणं ॥१४३॥


सरबं करमं ॥ सरबं धरमं ॥

सरबं जुगता ॥ सरबं मुकता ॥१४४॥


रसावल छंद ॥ त्वप्रसादि ॥


नमो नरक नासे ॥ सदैवं प्रकासे ॥

अनंगं सरूपे ॥ अभंगं बिभूते ॥१४५॥


प्रमाथं प्रमाथे ॥ सदा सरब साथे ॥

अगाधि सरूपे ॥ न्रिबाधि बिभूते ॥१४६॥


अनंगी अनामे ॥ त्रिभंगी त्रिकामे ॥

न्रिभंगी सरूपे ॥ सरबंगी अनूपे ॥१४७॥


न पोत्रै न पुत्रै ॥ न सत्रै न मित्रै ॥

न तातै न मातै ॥ न जातै न पातै ॥१४८॥


न्रिसाकं सरीक हैं ॥ अमितो अमीक हैं ॥

सदैवं प्रभा हैं ॥ अजै हैं अजा हैं ॥१४९॥


भगवती छंद ॥ त्वप्रसादि ॥


कि जाहर जहूर हैं ॥ कि हाजर हजूर हैं ॥ 

हमेसुल सलाम हैं ॥ समसतुल कलाम हैं ॥१५०॥


कि साहिब दिमाग हैं ॥ कि हुसनुल चराग हैं ॥

कि कामल करीम हैं ॥ कि राजक रहीम हैं ॥१५१॥


कि रोजी दिहिंद हैं ॥ कि राजक रहिंद हैं ॥

करीमुल कमाल हैं ॥ कि हुसनुल जमाल हैं ॥१५२॥


गनीमुल खिराज हैं ॥ गरीबुल निवाज हैं ॥

हरीफुल सिकंन हैं ॥ हिरासुल फिकंन हैं ॥१५३॥


कलंकं प्रणास हैं ॥ समसतुल निवास हैं ॥

अगंजुल गनीम हैं ॥ रजाइक रहीम हैं ॥१५४॥


समसतुल जुबा हैं ॥ कि साहिब किरा हैं ॥

कि नरकं प्रणास हैं ॥ बहिसतुल निवास हैं ॥१५५॥


कि सरबुल गवंन हैं ॥ हमेसुल रवंन हैं ॥

तमामुल तमीज हैं ॥ समसतुल अजीज हैं ॥१५६॥


परं परम ईस हैं ॥ समसतुल अदीस हैं ॥ 

अदेसुल अलेख हैं ॥ हमेसुल अभेख हैं ॥१५७॥


जिमीनुल जमा हैं ॥ अमीकुल इमा हैं ॥

करीमुल कमाल हैं ॥ कि जुरअति जमाल हैं ॥१५८॥


कि अचलं प्रकास हैं ॥ कि अमितो सुबास हैं ॥

कि अजब सरूप हैं ॥ कि अमितो बिभूत हैं ॥१५९॥


कि अमितो पसा हैं ॥ कि आतम प्रभा हैं ॥

कि अचलं अनंग हैं ॥ कि अमितो अभंग हैं ॥१६०॥


मधुभार छंद ॥ त्वप्रसादि ॥


मुनि मनि प्रनाम ॥ गुन गन मुदाम ॥

अरि बर अगंज ॥ हरि नर प्रभंज ॥१६१॥


अनगन प्रनाम ॥ मुनि मन सलाम ॥

हरि नर अखंड ॥ बर नर अमंड ॥१६२॥


अनुभव अनास ॥ मुनि मनि प्रकास ॥

गुन गन प्रनाम ॥ जल थल मुदाम ॥१६३॥


अनिछज अंग ॥ आसन अभंग ॥

उपमा अपार ॥ गति मिति उदार ॥१६४॥


जल थल अमंड ॥ दिस विस अभंड ॥

जल थल महंत ॥ दिस विस बिअंत ॥१६५॥


अनभव अनास ॥ ध्रित धर धुरास ॥

आजान बाहु ॥ एकै सदाहु ॥१६६॥


ओअंकार आदि ॥ कथनी अनादि ॥

खल खंड खिआल ॥ गुर बर अकाल ॥१६७॥


घर घरि प्रनाम ॥ चित चरन नाम ॥

अनिछज गात ॥ आजिज न बात ॥१६८॥


अनझंझ गात ॥ अनरंज बात ॥

अनटुट भंडार ॥ अनठट अपार ॥१६९॥


आडीठ धरम ॥ अति ढीठ करम ॥

अणब्रण अनंत ॥ दाता महंत ॥१७०॥


हरिबोलमना छंद ॥ त्वप्रसादि ॥


करुणालय हैं ॥ अरि घालय हैं ॥

खल खंडन हैं ॥ महि मंडन हैं ॥१७१॥


जगतेस्वर हैं ॥ परमेस्वर हैं ॥

कलि कारन हैं ॥ सरब उबारन हैं ॥१७२॥


ध्रित के धरन हैं ॥ जग के करन हैं ॥

मन मानिय हैं ॥ जग जानिय हैं ॥१७३॥


सरबं भर हैं ॥ सरबं कर हैं ॥

सरब पासिय हैं ॥ सरब नासिय हैं ॥१७४॥


करुणाकर हैं ॥ बिस्व्मभर हैं ॥

सरबेस्वर हैं ॥ जगतेस्वर हैं ॥१७५॥


ब्रहमंडस हैं ॥ खल खंडस हैं ॥

पर ते पर हैं ॥ करुणाकर हैं ॥१७६॥


अजपा जप हैं ॥ अथपा थप हैं ॥

अक्रिता क्रित हैं ॥ अम्रिता म्रित हैं ॥१७७॥


अंम्रिता म्रित हैं ॥ करुणा क्रित हैं ॥

अक्रिता क्रित हैं ॥ धरणी ध्रित हैं ॥१७८॥


अमितेस्वर हैं ॥ परमेस्वर हैं ॥

अक्रिता क्रित हैं ॥ अम्रिता म्रित हैं ॥१७९॥


अजबा क्रित हैं ॥ अम्रिता म्रित हैं ॥

नर नाइक हैं ॥ खल घाइक हैं ॥१८०॥


बिस्वंभर हैं ॥ करुणालय हैं ॥

न्रिप नाइक हैं ॥ सरब पाइक हैं ॥१८१॥


भव भंजन हैं ॥ अरि गंजन हैं ॥

रिपु तापन हैं ॥ जपु जापन हैं ॥१८२॥


अकलं क्रित हैं ॥ सरबा क्रित हैं ॥

करता कर हैं ॥ हरता हरि हैं ॥१८३॥


परमातम हैं ॥ सरब आतम हैं ॥

आतम बस हैं ॥ जस के जस हैं ॥१८४॥


भुजंग प्रयात छंद ॥


नमो सूरज सूरजे नमो चंद्र चंद्रे ॥

नमो राज राजे नमो इंद्र इंद्रे ॥


नमो अंधकारे नमो तेज तेजे ॥

नमो ब्रिंद ब्रिंदे नमो बीज बीजे ॥१८५॥


नमो राजसं तामसं सांत रूपे ॥

नमो परम ततं अततं सरूपे ॥

नमो जोग जोगे नमो गिआन गिआने ॥

नमो मंत्र मंत्रे नमो धिआन धिआने ॥१८६॥


नमो जुध जुधे नमो गिआन गिआने ॥

नमो भोज भोजे नमो पान पाने ॥

नमो कलह करता नमो सांति रूपे ॥

नमो इंद्र इंद्रे अनादं बिभूते ॥१८७॥


कलंकार रूपे अलंकार अलंके ॥

नमो आस आसे नमो बांक बंके ॥


अभंगी सरूपे अनंगी अनामे ॥

त्रिभंगी त्रिकाले अनंगी अकामे ॥१८८॥


एक अछरी छंद ॥


अजै ॥ अलै ॥ 

अभै ॥ अबै ॥१८९॥


अभू ॥ अजू ॥ 

अनास ॥ अकास ॥१९०॥


अगंज ॥ अभंज ॥ 

अलख ॥ अभख ॥१९१॥


अकाल ॥ दिआल ॥ 

अलेख ॥ अभेख ॥१९२॥


अनाम ॥ अकाम ॥ 

अगाह ॥ अढाह ॥१९३॥


अनाथे ॥ प्रमाथे ॥ 

अजोनी ॥ अमोनी ॥१९४॥


न रागे ॥ न रंगे ॥ 

न रूपे ॥ न रेखे ॥१९५॥


अकरमं ॥ अभरमं ॥ 

अगंजे ॥ अलेखे ॥१९६॥


भुजंग प्रयात छंद ॥


नमसतुल प्रनामे समसतुल प्रणासे ॥

अगंजुल अनामे समसतुल निवासे ॥


न्रिकामं बिभूते समसतुल सरूपे ॥

कुकरमं प्रणासी सुधरमं बिभूते ॥१९७॥


सदा सचदानंद सत्रं प्रणासी ॥

करीमुल कुनिंदा समसतुल निवासी ॥


अजाइब बिभूते गजाइब गनीमे ॥

हरीअं करीअं करीमुल रहीमे ॥१९८॥


चत्र चक्र वरती चत्र चक्र भुगते ॥

सुय्मभव सुभं सरबदा सरब जुगते ॥


दुकालं प्रणासी दइआलं सरूपे ॥

सदा अंग संगे अभंगं बिभूते ॥१९९॥


दुकालं प्रणासी दइआलं सरूपे ॥

सदा अंग संगे अभंगं बिभूते ॥१९९॥


वाहेगुरु जी का खालसा ॥  वाहेगुरु जी की फतेह ॥


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